दस साल बाद मिस्टर बिहार आदित्य मोहन को उनकी पहली कर्मभूमि पर दुबारा सम्मान मिला। दस साल पहले पटना से अपने मॉडलिंग कॅरियर की शुरुआत करते समय मिस्टर बिहार बने। और अब दस साल बाद पटना में उन्हें अम्बेडकर रत्न से सम्मान किया गया। परंतु 2 दिन बाद अपने मारवाड़ी नाटक में व्यस्त होने के कारण मिस्टर बिहार इस आयोजन में नहीं पहुँच सके और उनकी अनुपस्थिति में उनके पिताजी श्री मदन मोहन दूबे जी ने अवार्ड लिया। चूँकि 17 को मिस्टर बिहार का मारवाड़ी नाटक मुंबई के पाँच सितारा होटल ताज में होना था। उसी के रिहर्सल और तैयारी अत्यंत व्यस्त थे। यह नाटक भगवान श्रीकृष्ण और उनके भक्त नरसी मेहता पर आधारित है। जिसमें मिस्टर बिहार कृष्ण की भूमिका निभायी है और नरसी का किरदार किया है नाटक के निर्देशक राजस्थानी रंगमंच के नट सम्राट राजेश प्रभाकर मंडलोई ने। ये रंगमंच की दुनियां में एक ऐतिहासिक नाटक कर चुके हैं जिसका नाम था रुक्मणी विवाह। जिसमें मिस्टर बिहार ने रंगमंच पर नंगी तलवार और गदा से रियल फाईट की थी। अभी हाल ही में मिस्टर बिहार ने पी एन जी प्रोडक्शन की हिन्दी फ़िल्म आखिर कब तक की शूटिंग पूरी की है। जिसके निर्देशक मिथिलेश अविनाश हैं और निर्माता एन के झा हैं।