लेखक निर्माता और निर्देशक सिद्धार्थ नागर की सार्थक चित्रम के बैनर तले बन रहे धारावाहिक ” साबजी ” का प्रसारण शाम 7.00 बजे से दूरदर्शन पर प्रसारित होने जा रहा है । यह धारावाहिक सप्ताह में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को शाम के 7.00 बजे से प्रसारित होगा । इस धारावाहिक में टेलीविजन की दुनिया के दो दिग्गज कलाकार अयूब खान और जया भट्टाचार्या के बिच प्यार और टकराव की कहानी दिखाई जायेगी । जो की धारावाहिक में समर बहादुर सिंह और आनंदी शास्त्री के किरदार में नज़र आने वाले हैं ।
दरअसल यह कहानी मूलतः राजस्थान के एक राजघराने के उत्तराधिकारी समर बहादुर सिंह और उनके दोस्त पंडित श्रीधर शाश्त्री के बिच की है । समर बचपन से ही आनंदी से प्रेम करते हैं लेकिन समर की माँ को यह पसन्द नहीं है और फिर समर कुछ दिन के लिए विदेश पढ़ने के लिए चले जाते हैं और इधर राजघराने की मालकिन रुक्मणी सिंह रानीसा एक चाल चलकर आनंदी की शादी पंडित श्रीधर शास्त्री से करा देती हैं । इसी प्यार मोहब्बत और रंजो रवाइश की पूरी कहानी है साबजी । धारावाहिक में कई उतार चढ़ाव दोनों परिवारों को देखने को मिलता है जो इसमें लोगों के बिच कई ट्विस्ट और रोमांच के साथ साथ देखने की जिजीविषा भी पैदा करती है ।
साबजी के लेखक निर्माता और निर्देशक सिद्धार्थ नागर बचपन से ही मनोरंजन जगत से जुड़े हुए हैं । इसके पीछे उनकी सुदृढ़ पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी योगदान रहा है । उनके नाना मशहूर साहित्यकार पदम् भूषण अमृतलाल नागर और उनकी माँ अचला नागर से फिल्मी ज्ञान और समझ उनको विरासत में मिली है ।
बचपन से मनोरंजन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले सिद्धार्थ नागर ने अपने करियर की शुरुआत 8 साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में शुरू कर दिया था । उन्होंने मुंशी प्रेमचंद की ईदगाह पर आधारित नाटक से 1979 में महज 14 साल की उम्र में अपने निर्देशकीय पारी की शुरुआत की । जिसे उस समय के मशहूर समीक्षकों ने भी सराहा था । उसके ठीक बाद दक्षिण भारतीय तमिल फिल्म नंदू में एक मुख्य कलाकार के रूप में काम किया जिसका निर्देशन महान निर्देशक श्री जे महेंद्रन ने किया था । इसके बाद तो जैसे सिलसिला ही चल पड़ा और सिद्धार्थ ने राजश्री प्रोडक्शन की बाबुल में युवा खलनायक की भूमिका निभाई । और फिर कुछ सालों तक बतौर अभिनेता और खलनायक कई फिल्में करने के बाद आखिर 1998 में इन्होंने अपने धारावाहिक ” दादी अम्मा ” से बतौर निर्माता एक नई पारी की भी शुरुआत कर दी । तबसे लेकर आज ” साबजी ” तक इन्होंने दूरदर्शन और इसके सहयोगी चैनलों के लिए लगभग 1000 घण्टे से अधिक के प्रोग्राम का निर्माण और निर्देशन कर चुके हैं ।
लगभग 35 धारावाहिकों में अभिनेता , निर्माता लेखक या निर्देशक किसी ना किसी रूप में जुड़े रहने वाले सिद्धार्थ नागर कभी भी व्यवसायिक घरानों की तरफ़ नहीं भागे । राजेश खन्ना के करीबी लोगों में रहे सिद्धार्थ ने बताया की इस सीरियल को बनाने की प्रेरणा काकाजी राजेश खन्ना ने ही दी थी और वे इसमें एक महत्वपूर्ण किरदार भी निभाना चाहते थे लेकिन उनके गुजर जाने के बाद ये सम्भव नहीं हो सका । गुजरने से पहले राजेश खन्ना ने अंतिम समय पर कहा था की सिद्धार्थ मैं रहूँ ना रहूँ तुम यह साबजी जरूर बनाना । दूरदर्शन के अलावा ईटीवी , जी टीवी और स्टारप्लस के लिए भी सिद्धार्थ ने काम किया है । और आज भी उसी लगन और तन्मयता से ये लगे हुए हैं ।