सुधीर मिश्रा की दासदेव 20 अप्रैल से
जबरन आप सबकुछ करवा सकते हैं, पर प्यार नहीं —– —– सुधीर मिश्रा
सुधीर मिश्रा की दासदेव 20 अप्रैल से
मुनीर नाज़ी की एक पंजाबी कविता चर्चित है, जिसकी पंक्तियों का आशय है — आप सबकुछ तय कर सकते हैं, अपने सामर्थ्य के बूते हर चीज हासिल कर सकते हैं, मगर किसी का प्यार नहीं। क्यों ??? क्योंकि इश्क़ पर जो़र नहीं।
थोड़ा और स्पष्ट करें तो रंगदारी और दिलदारी साथ साथ नहीं चल सकती ! इसी 20 अप्रैल को प्रख्यात फिल्मकार सुधीर मिश्रा इसी बात का खुलासा करने थियेटर में लेकर आ रहे हैं “दासदेव”। फिल्म के शीर्षक से इसकी समानता अथवा तुलनात्मक चर्चा “देवदास” से होगी, यह अलग बात होगी। लेकिन, रंगदारी वाला गाना सिनेमाघर मेें रंग ज़रूर जमायेगा। आर्को मुखर्जी ने इसका संगीत तैैयार किया है और नवराज हंस के साथ गाया भी है। राहुल भट्ट और ऋचा चड्ढा पर येे गीत देव व पारो जैैसा फिल्माया गया है। इस गीत के वीडियो देखकर आपको लगे, यह नयेे मिजाज का देवदास ही है ।लेकिन, सुधीर मिश्रा इससे कुछ अलग बात करते हैं। कहते हैं, “दासदेेेव” की बात जुदा, अंंदाज अलग है। यह राजनीतिक परिवेेेश में पनपती फिल्म है। सत्ता से सबकुछ हासिल करने की सनक है।
हमारा कथ्य शेक्सपीयर की सोच सेे प्रभावित होता दीखेगा। सच भी है,जिसकी आप परवाह करते हैं, जिसका ध्यान है, उसकी रक्षा, सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी बनती है। फिरभी यह जिम्मेदारी जबरन किसी का प्यार पाने का कोई अमोघ अस्त्र नहीं हो सकती। दो शब्दों में यह कह सकते हैं कि रंगदारी से सब कुुुछ पा सकते हैं, लेकिन किसी के दिल पर इसका ज़ोर नहीं चलता। ऋचा और राहुल नये ज़माने केे पारो-देव के रूप में खूब फबते हैं और उस पर “रंगदारी” वाला गाना अलग ही समा बांंध रहा है। संजीव कुमार (सप्त ऋषि सिनेविजन) द्वारा निर्मित और गौरव शर्मा (स्टॉर्म पिक्चर्स) द्वारा प्रस्तुत सुधीर मिश्रा की नयी फिल्म “दासदेव” 20 अप्रैल को सर्वत्र एकसाथ प्रदर्शित हो रही है। ———Uday Bhagat (PRO)